दिवानगी की हद Bhut द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दिवानगी की हद

भरी दोपहर में क्रीशा ने अपनी गाड़ी मैन रोड पर दौड़ाई, सीधा रुकी एक बड़े से बंगले में, वॉचमैन ने क्रीशा को देखकर तुरंत दरवाजा खोला, क्रीशा ने अपनी गाड़ी पार्किंग एरिया की और घुमा दी, जैसे वो इस घर की हर जगह से वाकिफ हो, वैसे जानती भी कैसा ना हो ये उसकी बचपन कि सहेली पलक का घर जो था, पलक और क्रिशा को देखकर कोई भी बोल देता था कि ये दोनों सगी बेहने है, उन दोनों को दोस्ती तीसरी कक्षा में हुए थी सरदार पटेल स्कूल में, और आज पलक अपनी fashion designing की पढ़ाई कर रही है और क्रिशा हाल ही में BBA complete कर किया और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने का सोच रही है, गाड़ी पार्क करके क्रिशा मैन दौर पर आ गई और बैल बजाई, तुरंत एक बड़ी उम्र का व्यक्ति दरवाजा खोल ने के लिए आया, उसे देखकर क्रिशा ने प्रणाम किए ऑर उसके पैर चुके आशीर्वाद लिए, क्रिशा को देखकर वो इंसान भी बड़ा खुश हो गया और बोला कि bahot दिनों बाद आयि बैठी तुम, क्रिशा ने उतर देते हुए बोला " हां काका अभी परीक्षा चल रही थी तो टाइम ही नहीं मिला" वो पलक के घर का सर्वेंट था वो बरसो से पलक के घर में काम कर रहे थे उसका नाम परमानंद स्वामी है, क्रिशा उसे हमेशा काका कहके बुलाती है और सभी घरवाले उसे परम काकु कहके बुलाते है, उसके बाद क्रिशा ने पूछा कि पलक कहां पर है ?; काका ने उपर की और उंगली कि और क्रीशा सीधा सीढ़ियों कि और चलने लगी, वो जैसे दरवाजा खोल उसे पहले ही पलक ने दरवाजा खोल दिया और उसे गले लगा कर रोने लगी, ये देखकर क्रीशा थोड़ी डर गई, उसने पहले कसके पलक को गले लगाया फिर उसे शांत करने कि कोशिश करने लगी, क्रीशा ने पलक को पानी पिलाया और उसके बगल में बैठ गई, पलक का हाथ पकड़ कर बोला क्या हुआ ??? कोई प्राब्लम है ??? और पलक फिर से क्रिशा के गले लग कर बोला "stupid इतने दिनों से कहां थी ?? मुझे तुम्हारी बहुत जरूरत थी, क्रिशा ने उसे sorry बोला और कहां की यार फाइनल एक्जाम चल रही थी इसलिए टाइम ही नहीं मिला, अब बता क्या हुआ और पलक ने अपने हाथ को अंगूठी दिखाई और बोला कि निशांत ने मुझे propose किया से सुनके क्रिशा तो खुशी से झूम उठी और पलक को congratulate किया और बोला कि तूने क्या हा बोला कि ना, और पलक शरमा गई, उसकी शर्म देख कर क्रीशा ने अंदाज़ा लगा लिया कि पकल ने हा बोला है, और फिर क्रिशा को बोला कि इतनी अच्छी news है और तू रो रही है पागल ??? पलक ने जवाब देते हुए कहां में तो बहुत खुश हूं पर मम्मी पापा को कैसे बताऊं ???, यार क्रिशा ने उसकी चिंता मानो अपने सर पर ले के बोला ये सब तू मुझ पर छोड़ दे, हम सब मिल कर कुछ जुगाड कर ही लेंगे, और दोनों खुश हो कर एक दूसरे को गले लगा लिया और दोनों मिल कर बातें करने लगे ..।।

निशांत पलक और क्रीशा का बचपन का दोस्त था, निशांत के पापा जब वो 5 साल का था तब एक कार ऐक्सिडेंट में चल बचे थे, वो अपनी मम्मी के साथ भरतनगर (भावनगर) में रहता था, वो पढ़ने बहुत अच्छा था और उसने gyanmanjari school में science में admisssin लिया था, हाल में वो भावनगर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है, और साथ में एक clinic पे काम करता है, जिसकी वजह से उसका घर चलता है, निशांत एक दम शांत स्वभाव का लड़का है,क्रिशा के पापा और निशांत के पापा बहोत अच्छे दोस्त थे, मानो कृष्ण और सुदामा कि जोड़ी, जिस दिन से निशांत के पापा रमेश भाई कि मुत्यू हुए तब से क्रिशा के पापा ने निशांत को कभी बाप की कमी महसूस नहीं होने दी, निशांत के आज तक कि पढ़ाई का सारा खर्चा ब्रिजेश भाई मेहता (क्रीशा के पापा) ने उठाया था, रमिला बेन मेहता (क्रीशा की मम्मी) निशांत को अपने बेटे जैसा प्यार करती थी, और गीता बेन पटेल (निशांत की मम्मी) भी क्रिशा को मां की तरह प्यार करती थी, वो एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है, निशांत और क्रीशा भी बहुत अच्छे दोस्त है